क्या आपने कभी किसी को विज्ञापन पढने की अपील करते हुए सुना है? इस गूगल जमाने में क्या नही हो सकता। एक गुजराती अखबार अकिला की वेबसाइट पर आज एक अनोखी अपील देखने को मिली। वेबसाइट पर अखबार के निमिष गणात्रा ने लोगो को कहा है कि पिछ्ले १० वर्षो से यह अखबार लोगो को वेबसाइट के माध्यम से मुफ़्त समाचार उपलब्ध करा रहा है।
गणात्रा का कहना है कि वेबसाइट चलाने का खर्च बढता जा रहा है। वेबसाइट देखने वालो को विज्ञापन को क्लिक कर उन्हे यह खर्चा उठाने में सहयोग देना चाहिये। अकिला दुपहर का अखबार है और राजकोट में काफ़ी लोकप्रिय है। सौराष्ट्र क्षेत्र जहा लोग दुपहर को आराम करने की संस्कृति वाले है वहा इस अखबार का नारा है, "सुबह चाय, दुपहर को अकिला"। उल्लेखनीय है कि इस अखबार ने कुछ समय पहले ही गूगल एड्सेंस के विज्ञापन छापने शुरु किये है। साफ़ है कि यह अपील गूगल एड के लिये ही है।
आपने कोइ एसा प्रकाशन देखा है जो आप को विज्ञापन पढने के लिये प्रेरित करे? यह है उसकी अपील की तस्वीरें,
गणात्रा का कहना है कि वेबसाइट चलाने का खर्च बढता जा रहा है। वेबसाइट देखने वालो को विज्ञापन को क्लिक कर उन्हे यह खर्चा उठाने में सहयोग देना चाहिये। अकिला दुपहर का अखबार है और राजकोट में काफ़ी लोकप्रिय है। सौराष्ट्र क्षेत्र जहा लोग दुपहर को आराम करने की संस्कृति वाले है वहा इस अखबार का नारा है, "सुबह चाय, दुपहर को अकिला"। उल्लेखनीय है कि इस अखबार ने कुछ समय पहले ही गूगल एड्सेंस के विज्ञापन छापने शुरु किये है। साफ़ है कि यह अपील गूगल एड के लिये ही है।
आपने कोइ एसा प्रकाशन देखा है जो आप को विज्ञापन पढने के लिये प्रेरित करे? यह है उसकी अपील की तस्वीरें,
7 comments:
इस तरह विज्ञापनों पर पाठकों से क्लिक करने को कहना गूगल एडसेन्स के नियमों के विरुद्ध है, फ्रॉड है और इसके लिए गूगल अमुक वेबसाइट वाले का खाता बन्द कर उसके खाते में जमा रकम को जब्त कर सकता है।
સરજી પણ અકિલા નો લિંક આપવાનો તો આપ ભૂલી ગયા. લિંક આપો તો જોઈયે કે સાઇટ કેવી છે.
वास्तव में अमित भाई का कहना बिल्कुल सही है।
॥दस्तक॥
हाँ, और कृपया यह बात उन्हें शीघ्र बता दें - इससे पहले कि गूगल खाता जब्त कर ले, वे ये अपील हटा लें.
कमाल है वैबसाइट वालों को क्या एडसैन्स के नियमों की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा न होता तो हम सब इस तरह की अपील अपने-अपने चिट्ठों पर लगा लेते। :)
कॄपया वैबसाइट वालों को तुरंत इस बारे सूचित करें ताकि उन्हें बैन होने से बचाया जा सके।
इस वेब्साइट के URL है
www.akilaindia.com, और www.akilanews.com.
इस अपील का URL है
http://www.akilaindia.com/daily/news_html/main40.html
अब गुणीजन सब कह गये, तो हम भी लौट जाते हैं वरना आपके आदेश का पालन न करते, यह हमारे बस में नहीं. :)
अकिला लोकप्रिय अखबार है. साइट वगेरे किसी के सुझावों के अंतरगत चला रहे प्रतित हो रहे है. यही वजह की ऐसी अपील रखी गई है.
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