मीडिया और भाजपा। एक अलग ही रिश्ता है भाजपा का मीडिया के साथ। एक विपक्ष के स्तर से सत्ता पर आई भाजपा से बेहतर मीडिया पावर को कौन जानता है? बेचारे कांग्रेसी वर्षों की सत्ता को भाजपा की मीडिया पावर की धुलाई में खो बैठे।
अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने मीडिया उपयोग की नई प्रणाली शुरू की। मीडिया से मिलो मत, मीडिया का उपयोग करो। अपने भाषणों का प्रहार लोगों पर करो मीडिया के जरिये। पर मीडिया से सीधा मिलना टालो।
पर अब शायद स्थिति भाजपा के हाथ से सरकती जा रही है। राज्यों के चुनावों में खराब स्थिति इसका प्रबल संकेत है। दूसरी ओर भाजपा की टीका वाले समाचार सुर्खियों में छाये जा रहे हैं। साफ है मीडिया के साथ दोस्ती के अलावा कोई चारा नहीं। मीडिया से मिलना जरूरी है।
अगले वर्ष के चुनावों को ध्यान में रख अपनी मुख्यमंत्री आनन्दीबहन पटेल ने गुजरात में मीडिया प्रेम का नया अध्याय शुरू कर दिया है। नये प्रदेशाध्यक्ष विजय रूपाणी के माध्यम से। इसकी शुरूआत आज रामनवमी के दिन पत्रकार स्नेह मिलन से की।
भाजपा हो और हिन्दुत्व की बात न हो यह कैसे सम्भव है। साफ है रामनवमी का दिन इसी विचार को लोगों के दिमाग में बैठाता है। आनन्दीबहन और रूपाणीजी के साथ हाजिर थे चेहरे पर कॉलगेट मुस्कराहट चिपकाए नए प्रवक्ता पर राजनीति के पुराने खिलाड़ी भरत पंड्या।
साथ ही थी भाजपा की पूरी मीडिया टीम, दिग्गज यमल व्यास से लेकर नवोदित विक्रम जैन और किशन सोलंकी ।क्राउन होटल के मालिक संघवी और नरहरी के अमीन खास हितेश पोची और अपने SMS वाले जयंतिलाल भी हाजिर थे इस विस्तृत मीडिया स्नेह मिलन टीम में।
भाजपा नेताओं ने जाहिर किया कि भाजपा और पत्रकार सभी के दिल में गुजरात का हित है इसलिए हाथ मिलायें। आज की प्रचलित भाषा में कहें तो अपने भाजपाई मित्रों ने MOU की घोषणा कर दी। यह बात अलग है कि इकतरफा प्रेम की इकतरफा घोषणा।
जो भी बोले वो अपने भरतभाई ही बोले। प्रवक्ता जो ठहरे। कल को कुछ उल्टा हो जाये तो आनन्दीबहन और रूपाणीजी आसानी से बच सकें। पत्रकारों की एक दुखती रग पर हाथ रख उन्होंने भाजपाई संवेदना के सुर छेड़े। पत्रकारों के लिए हेल्थ कैम्प के विचार की घोषणा के साथ। वैसे हर साल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक हैल्थ कैम्प का आयोजन होता ही है।
भरत भाई ने कुछ पत्रकारों का नाम ले कहा कि हाल ही में कैसे उन बेचारों को हार्ट अटैक, कैंसर आदि जैसे भयानक रोगोंका सामना करना पड़ा। तो MOU के तहत हो गई भाजपा स्वास्थ्य सुरक्षा कवच घोषणा।
भई MOU की घोषणा भले इकतरफा हो, अमल में तो दोनों का साथ जरूरी है। नहीं तो गुजरात सरकार के MOU जैसा हाल हो!
पार्टी के मीडिया सेल में हेमन्त भट्ट और पराग शेठ जैसे पत्रकार फ्रेंडली डॉक्टर हों और सरकार के पास स्वास्थ्य सेवाएं हो तो स्वास्थ्य सुरक्षा कवच की बात पर सभी को विश्वास करना ही पड़ेगा। वैसे भी महंगाई के जमाने में इस प्रकार की सेवा हर कोई चाहेगा।छोटी मोटी बीमारी में ही हजारों घुस जाते हैं, हार्ट अटैक, कैंसर आदि जैसे भयानक रोगों में तो लाखों।
एक बात निश्चित है। गुजरात की आज की परिस्थिति देखते हुए यह मीडिया प्रेम 2017 के चुनावों तक तो चलेगा ही। वैसे भाजपा अहमदाबाद नगर निगम चुनावों में चुनाव से पहले वार्ड आधारित स्वास्थ्य कैम्प कर लोक स्वास्थ्य सुरक्षा कवच का प्रयोग सफलता पूर्वक कर चुकी है।
भारत माता की जय।
हां इसके बिना तो भाजपा संबन्धित कोई भी कार्य पूरा ही नहीं हो सकता।