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Sunday, July 15, 2007

प्रतिभाजी हमारे गुजरात की

प्रतिभाजी आज दोपहर को अहमदाबाद के हवाई दौरे पर आई । पिछले हफ़्ते नही आ पाई थी। अब वो जमाने लद गये जब राष्ट्रपति घर बैठे चुने जाते थे। अब तो उन्हे भी प्रचार करना पडता है। पिछले हफ़्ते अपने आड्वाणीजी और सुष्माजी शेखावतजी के लिये आई थी। शेखावतजी ने तो एक कांग्रेसी विधायक के फ़ोन कर अपना प्रचार भी किया था।

खैर, कांग्रेसियों की बैठक मे दो निर्दलीय विधायकों ने घोषणा कर दी कि उनकी अंतरआत्मा तो बस प्रतिभा प्रतिभा कह रही है। अर्थात ये बंधु अब प्रतिभाजी को वोट देंगे। देखा अंतरात्मा का खेल। उधर अपने कमल ब्रांड भाजपाई बागी विधायकों और सांसदों की अंतरआत्मा से काफ़ी घबराई हुई है।

प्रतिभाजी लगभग दो घंटे लेट आई। पर उनका शाब्दिक स्वागत तो जरूरी था । दाढी वाले विधान सभा मे प्रतिपक्ष के नेता अर्जुन मोढ्वाडिया बोले कि देखो कांग्रेस को देखो। पहली महिला प्रधानमंत्री दी देश को , कांग्रेस अध्यक्षा दी और अब देश को पहली महिला राष्ट्रपति देने जा रही है। महिलाओं के लिये ३३ प्रतिशत की बात तो सब करते हैं, कांग्रेस ने तो ६६ प्रतिशत आरक्षण दे दिया महिलाऒ को। और उन्होने समझाया कि सोनिया गांधी, मनमोहन जी और प्रतिभाजी। हो गये ना ६६ प्रतिशत। वाह अर्जुन जी मान गये आपके कांग्रेस लक्षी बाण को।

खैर फ़िर बारी थी अपने प्रदेश अध्यक्ष भरत सोलंकी की। वो पीछे रहने वालॊ मे थोडे ही है। उनकी फ़ाईटिंग स्पिरिट तो लोगो की चर्चा का विषय है। बोले प्रतिभा जी का जन्म हुआ था बृहद बम्बई मे । उस समय गुजरात बृहद बम्बई का भाग था। इसलिये प्रतिभा जी अपने गुजरात की।

देखी अपने कांग्रेसी नेताओं की क्रियेटीविटी। ऎडवर्ड डि बोनो और टोनी बुज़ान जैसे अंतर्राष्ट्रीय क्रियेटीविटी गुरुओं के लियी भी एक सबक है इनकी भज नेतम शैली।

1 comment:

Vikram Pratap Singh said...

सही कहॉ जनाब आपने आब तो रास्त्रपती के चुनाव मे भी प्रचार कि जरूरत पड़ने लगी ..... लोकतंत्र के मायने भी भी आब वो नही रहे जिसके लिए लोकतंत्र होता है ...............

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