चलो अहमदाबाद की रथयात्रा शांतिपूर्ण पूरी हो गई। पुलिस से ले पत्रकार तक सभी ने रथयात्रा के शाहपुर से गुजरने के बाद चैन की सांस ली। पिछले कुछ वर्षो से यह यात्रा उजाले में ही संवेदनशील क्षेत्रो में से गुजर जाती है। अकेले शाहपुर क्षेत्र में ही एमर्जेसी बिजली व्यवस्था के लिये बडे पैमाने पर इंतजाम किये जाते है।
इस बार और वर्षो की अपेक्षा भीड कम थी। रथयात्रा के समय सामान्यत: बरसात होती है जिसे अमी छांटणा यानि की अमृत बरसना कहते है। पर इस बार अमृत नही बरसा। रथयात्रा के कुछ दिन पहले से गिरफ़्तारियां शुरु हो जाती है। इस बार तो जगन्नाथ मंदिर में से ४० जेबकतरें पकडे गये। इसमे से १० तो महिलाए थी!
यात्रा की एक झलकी,
इस बार और वर्षो की अपेक्षा भीड कम थी। रथयात्रा के समय सामान्यत: बरसात होती है जिसे अमी छांटणा यानि की अमृत बरसना कहते है। पर इस बार अमृत नही बरसा। रथयात्रा के कुछ दिन पहले से गिरफ़्तारियां शुरु हो जाती है। इस बार तो जगन्नाथ मंदिर में से ४० जेबकतरें पकडे गये। इसमे से १० तो महिलाए थी!
यात्रा की एक झलकी,
1 comment:
चलते रहो, खबर देते रहो. हम देख रहे हैं. अच्छा लग वृतांत..साधुवाद.
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