आज बाल गंगाघर तिलक का १५१वां जन्मदिन है। अहमदाबाद से उनका काफ़ी महत्वपूर्ण सम्बन्ध रहा है। आज से ९९ वर्ष पूर्व उन्हे काफ़ी रहस्यमय तरीके से साबरमती जेल में लाया गया था।
हालांकि वे इस जेल में ५३ दिन रखे गये, यहीं उन्होंने स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, हम स्वराज लेकर रहेंगे का नारा दिया था।
इस स्वतंत्रता सेनानी को उनकी पुस्तक गीता रहस्य के लिये भी जाना जाता है। उनकी मृत्यु १ अगस्त १९२० में हुई। १९२४ में अहमदाबाद के विक्टोरिया गार्डन में उनका बुत रखा गया। विक्टोरिया के स्तूप के समान्तर।
उस समय सरदार वल्लभभाई पटेल अहमदाबाद म्युनिसिपेलिटी के अध्यक्ष थे। यह बुत उन्होंने लगवाया था। इस अवसर पर गांधीजी ने कहा था कि सरदार पटेल के आने के साथ ही अहमदाबाद म्युनिसिपेलिटी में एक नयी ताकत आयी है। मैं सरदार पटेल को तिलक का बुत स्थापित करने की हिम्मत बताने के लिये उन्हें अभिनन्दन देता हूं।
हालांकि वे इस जेल में ५३ दिन रखे गये, यहीं उन्होंने स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, हम स्वराज लेकर रहेंगे का नारा दिया था।
इस स्वतंत्रता सेनानी को उनकी पुस्तक गीता रहस्य के लिये भी जाना जाता है। उनकी मृत्यु १ अगस्त १९२० में हुई। १९२४ में अहमदाबाद के विक्टोरिया गार्डन में उनका बुत रखा गया। विक्टोरिया के स्तूप के समान्तर।
उस समय सरदार वल्लभभाई पटेल अहमदाबाद म्युनिसिपेलिटी के अध्यक्ष थे। यह बुत उन्होंने लगवाया था। इस अवसर पर गांधीजी ने कहा था कि सरदार पटेल के आने के साथ ही अहमदाबाद म्युनिसिपेलिटी में एक नयी ताकत आयी है। मैं सरदार पटेल को तिलक का बुत स्थापित करने की हिम्मत बताने के लिये उन्हें अभिनन्दन देता हूं।
No comments:
Post a Comment