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Thursday, July 5, 2007

जामनगर के क्रिकेट धुरंधर

भारत की प्रतिष्ठित रणजी ट्राफ़ी और दुलीप ट्राफ़ी जामनगर के राजाओं की याद में हैं। अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट खेलने वाला पहला भारतीय खिलाडी जामनगर से था। वेस्‍ट इंडीज पर भारत की पहली जीत दर्ज कराने वाली टीम में सलीम दुर्रानी की बडी भूमिका थी। अर्जुन अवार्ड पानेवाला पहला क्रिकेटर सलीम दुर्रानी जामनगर से है। आज भी वह जामनगर में ही रहता है।

ये तो सुर्खियां है गुजरात के इस तटीय शहर जामनगर के भारतीय क्रिकेट में योगदान की। आज जब भारत आफ़ीशियल क्रिकेट का ७५वां वर्ष मना रहा है तब जामनगर के उल्‍लेख के बिना सब अधूरा नहीं, बिल्‍कुल बेकार है।

पिछ्ले सौ से अधिक वर्षों से क्रिकेट को पालने पोसने वाला जामनगर का राजघराना आज भी क्रिकेट का एक महत्‍वपूर्ण स्‍थल है। लोग अजय जाडेजा को जानते हैं। वे जामनगर के हाल के जामसाहब शत्रुशल्‍यसिंहजी का भतीजा है।

इन सौ साल में जामनगर ने एक दर्जन अंतर्राष्‍ट्रीय ख्‍याति वाले खिलाडी दिये हैं तो ५० जितने रणजी ट्राफ़ी प्‍लेयर। जामनगर के एकता डायरी के प्रकाशक दीपक जोबनपुत्र जामनगर के इतिहास को अपनी डायरी में उभारने के लिये प्रख्‍यात है। उनके पास जामनगर की क्रिकेट की रसप्रद घटनाओं का पिटारा है।

वे एक रसप्रद किस्‍सा बतलाते हैं। जिस व्‍यक्‍ति को क्रिकेट की दुनिया वीनू मांकड के नाम से जानती है, उसका असली नाम था मूलवंतराय हिम्‍मतलाल मांकड। जामनगर के जामसाहब के कहने पर उन्‍होंने उनका नाम वीनू मांकड लिखना शुरु कर दिया।

१९७१ में जन्‍मा लेफ़्‍ट आर्म बाऊलर नागर ब्राह्मण था। यह भारत के उन तीन खिलाडियों में से था जो पहले से ग्‍यारहवें खिलाडी तक के सभी स्‍थानों पर खेला। मजेदार बात यह है कि वह राईट आर्म बल्लेबाज था। उसके परिवार के कुछ लोग आज भी जामनगर में रहते है। उनका पुत्र अशोक मांकड भी टेस्ट खिलाडी रह चुका है।

जामनगर ने भारत को छह क्रिकेटर दिए है। यह सभी अपने समय में धुरंधर रहे है। उनके नाम है, प्रिंस रणजीत सिंह और उनका भतीजा प्रिंस दुलीप सिंह, विनु मांकड, सलीम दुरानी, इन्द्रजीतसिंह और अजय जाडेजा। रणजीतसिंह ने १८९६ से १९०२ तक १५ टेस्ट मेच में दो शतक तथा ५ अर्धशतक के साथ ९९५ रन बनाए थे। जबकि उनके भतीजे दुलीप ने १९२९ से १९३१ तक १२ टेस्ट में ३ शतक तथा पांच अर्धशतक के साथ ९९५ रन बनाए थे।

विनु मांकड ने सन १९४६ से १९५९ के दौरान ४४ टेस्ट में पांच शतक और ६ अर्धशतक के साथ २१०९ रन बनाए। सलीम दुरानी १९६० से १९७३ तक टेस्ट खिलाडी रहे। इस दौरान उन्होने २९ टेस्ट में एक शतक और ९ अर्धशतक के साथ १२०२ रन बनाए थे। वे ओलराउंडर थे और उन्होने ७५ विकट लिये थे। इन्द्रजीतसिंह १९६४ से १९६९ तक टेस्ट खिलाडी रहे। इस दौरान उन्होने ४ टेस्ट में कुल ५१ रन बनाए थे। अजय जाडेजा १९५२ से १९९८ तक टेस्ट खिलाडी रहे। इस दौरान उन्होने १३ टेस्ट में ४ अर्धशतक के साथ ५३८ रन बनाए थे।

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