Followers

Tuesday, July 3, 2007

बाबू बजरंगी , शिव सेना का गुजरात मे हिंदू चेहरा

सुप्रीम कोर्ट के लफ़डे से लुप्त अपने बाबू बजरंगी अब नये स्वरूप मे अवतरित हुए है। शिव सैनिक के रूप मे! पूरे जोर शोर से। मीडिया की चकाचौंध मे उन्होने दुनिया को अपना नया रूप दिखलाया। और कुछ लिखे उससे पहले हम अपने ब्लागियों की सुविधा के लिये बता दें कि बाबू बजरंगी बंदा कौन है? वैसे बाबू बजरंगी और मेरा हम दोनो का मानना है हिंदुस्तान मे हर कोई बाबू बजरंगी को जानता है।
मालूम है , एक फ़ोन ठोक दिया था थियेटर वालों को और किसी की हिम्मत नही हुई थी परजानिया फ़िल्म बताने की पूरे गुजरात मे। महेश भट्ट भी कूद पडे थे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का झंडा ले। फ़िल्म रिलीज हुए बिना ही परजानिया और राहुल धोलकिया मशहूर हो गये थे पूरे देश में ।
अपने बजरंगी साहब की विशेषता यह है कि जब कभी भी उन्हे लगता है कि कोई हिन्दू लडकी किसी मुसलमान लडके के साथ चली गई तब वे उस लडकी को वापस लाने का उनका धर्म निभा कर ही रहते हैं। ऎसा ही एक धर्म निभाते हुए उनका पंगा सुप्रिम कोर्ट से पड गया और वे लुप्त हो गये। बजरंग दल और विश्व हिन्दु परिषद ने उन्हे गर्म आलू (hot potato वाली अंग्रेजी कहावत ) की तरह उन्हे छोड दिया था। घोषणा कर दी कि हमारा उनसे कोई नाता नहीं।
अपने इस नये अवतार में उन्होने पहला वार उनके गुरु विहिप नेता प्रवीण तोगडिया पर किया। बोले बेकार है उनकी दुकान। वो डाक्टरी करें। वे हिन्दू नेता नहीं है। भाजपा को भी पेट भर गालिया बकी । बोले किसी काम के नही हैं ये लोग । हिंदुऒ के लिये क्या किया है इन्होने ?
वे शिव सेना नेताओं के प्रशंसक है। उनके अनुसार वे बजरंग दल - विहिप की तरह बीच रास्ते में नहीं छोडते। भैये अभी तो सफ़र शुरु किया है। आधा रास्ता तो आने दो।
उनका कहना है कि वें हिन्दु लडकी बचाओ का उनका धर्म निभाते रहेंगे। वे यह काम उनकी नव चेतन ट्र्स्ट द्वारा करते हैं । मालूम है कि उनका सबसे पहला काम क्या होगा? गोधरा कांड के कारण जेल में सड रहे हिन्दूओं का भोजन भिजवाया करेंगे। उन्हे मदद करेंगे। भैये क्या बडे भैया प्रविण तोगडिया ना कह्ते थे इसके लिये?
खैर अब वे गुजरात में शिव सैनिक बन तलवार चलायेंगे मैदाने चुनावी जंग में। कब कैसे इसके बारे में वे बाद में बताऎंगे।
पर एक बात में वे स्पष्ट हैं। नरेन्द्र मोदी उनके नेता हैं। बोले मै तो उनके चरणों में हूं
देखें गदा वाले बजरंगी अब तलवार कैसे चलाते हैं।

1 comment:

संजय बेंगाणी said...

मस्त लिखा है. खुब जमा लेख.

Post this story to: Del.icio.us | Digg | Reddit | Stumbleupon