गुजरात में चुनावी दौड में जनसंघ ने भी उसके घोडे उतारने की तैयारीयां शुरु कर दी है। उसके प्रदेश अध्यक्ष गोपाल भाई पटेल ने हाल ही में एक फ़ोर कलर पुस्तिका भी प्रकाशित भी की है। इसमे जनसंघ और हिन्दुत्व के बारे में कई लेख भी है।
सबसे अधिक ध्यान खेंचने वाला एक रंगीन चार्ट है जो यह बताता है कि भाजप उसकी मूल संस्था जनसंघ से कितना अलग और गिरा हुआ है। स्थापक के बारे में लिखा गया है कि जनसंघ की स्थापना भारत केसरी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और राजश्री बलराज मधोक जैसे महानुभावो ने की तो भाजप की स्थापना अटल आडवानी की जुगल जोडी ने की।
दल के ध्वज के बारे में इनका कहना है कि जनसंघ का ध्वज शत प्रतिशत शुद्ध भगवा है जबकि भाजपा के झंडे में ३३ प्रतिशत हरा रंग मुस्लिम तुष्टिकरण का संकेत है। जनसंघ के प्रेरणा स्त्रोत है डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे हिन्दुवादी नेता जबकि भाजपा के प्रेरणा स्त्रोत है गांधी, नेहरु, जयप्रकाश नारायण और सिकंदर बख्त जैसे नेता।
लक्ष्य के बारे में उनका कहना है कि जनसंघ का लक्ष्य हिन्दु राष्ट्र बनाना है और भाजपा का लक्ष्य मुस्लिम तुष्टिकरण कर किसी भी किंमत पर सत्ता हांसिल करना। जनसंघ के पास बलराज मधोक और प्रफ़ुल गोरडिया जैसे प्रतिभा संपन्न स्वच्छ, निडर और बहादुर नेता है तो भाजपा बाजपाइ, आडवानी जैसे सत्ता लोलुप, स्वार्थी, भ्रष्टाचारी और बिनकार्यक्षम शासन प्रणाली नेताओ का शंभु मेला है।
भैया चुनाव है, इस वर्ष चुनाव है ।
सबसे अधिक ध्यान खेंचने वाला एक रंगीन चार्ट है जो यह बताता है कि भाजप उसकी मूल संस्था जनसंघ से कितना अलग और गिरा हुआ है। स्थापक के बारे में लिखा गया है कि जनसंघ की स्थापना भारत केसरी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और राजश्री बलराज मधोक जैसे महानुभावो ने की तो भाजप की स्थापना अटल आडवानी की जुगल जोडी ने की।
दल के ध्वज के बारे में इनका कहना है कि जनसंघ का ध्वज शत प्रतिशत शुद्ध भगवा है जबकि भाजपा के झंडे में ३३ प्रतिशत हरा रंग मुस्लिम तुष्टिकरण का संकेत है। जनसंघ के प्रेरणा स्त्रोत है डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे हिन्दुवादी नेता जबकि भाजपा के प्रेरणा स्त्रोत है गांधी, नेहरु, जयप्रकाश नारायण और सिकंदर बख्त जैसे नेता।
लक्ष्य के बारे में उनका कहना है कि जनसंघ का लक्ष्य हिन्दु राष्ट्र बनाना है और भाजपा का लक्ष्य मुस्लिम तुष्टिकरण कर किसी भी किंमत पर सत्ता हांसिल करना। जनसंघ के पास बलराज मधोक और प्रफ़ुल गोरडिया जैसे प्रतिभा संपन्न स्वच्छ, निडर और बहादुर नेता है तो भाजपा बाजपाइ, आडवानी जैसे सत्ता लोलुप, स्वार्थी, भ्रष्टाचारी और बिनकार्यक्षम शासन प्रणाली नेताओ का शंभु मेला है।
भैया चुनाव है, इस वर्ष चुनाव है ।
1 comment:
ये क्या लफ़ड़ा है!
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