सेंधा नमक पर लिखे गये लेख ने अपने ब्लोगर बंधुओ मे काफ़ी उत्सुकता जगायी थी। जैसा कि हमने लिखा था, वैद्य मुकेश पानेरी ने हम लोगो के लिये सेंधा नमक और काला नमक के गुणधर्म लिख भेजें है। उन्होने काला नमक बनाने की आयुर्वेद की विधि भी लिख भेजी है । हम यह विधि इसलिये लिख रहें हैं क्योकि जामनगर के नमक विशेषज्ञ भारद्वाज जी का कहना है कि काला नमक सेंधा नमक की तरह केवल प्राकृतिक रूप मे ही होता है । हमारा यह लेख था नमक खाओ तो सेंधा नमक खाओ ।
सेंधा नमक
सेंधा नमक को लाहोरी नमक भी कहा जाता है, क्योकि यह पाकिस्तान मे अधिक मात्रा मे मिलता है । यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है । सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है। यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है। यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है । दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म मे काफ़ी उपयोगी होता है ।
सेंधा नमक के विशिष्ठ योग
हिंगाष्ठक चूर्ण, लवण भास्कर और शंखवटी इसके कुछ विशिष्ठ योग हैं ।
काला नमक
यह भी ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, वायु शामक है । पेट फ़ूलने की समस्या मे मददरुप है। इसके सेवन से डकार शुध्ध आती है और छोटे बच्चो की कब्ज की समस्या मे इसका उपयोग होता है ।
काला नमक बनाने की विधि
काला नमक बनाने के लिये सेंधा नमक और साजीखार सम प्रमाण मे ले। साजीखार का उपयोग पापड बनाने में होता है और यह पंसारी की दुकान पर आसानी से मिलता है। इस मिश्रण को पानी मे घोलें । अब इसे धीमी आंच पर गर्म करे और पूरा पानी जला दें । अंत मे जो बचेगा वह काला नमक है ।
सेंधा नमक
सेंधा नमक को लाहोरी नमक भी कहा जाता है, क्योकि यह पाकिस्तान मे अधिक मात्रा मे मिलता है । यह सफ़ेद और लाल रंग मे पाया जाता है । सफ़ेद रंग वाला नमक उत्तम होता है। यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। रक्त विकार आदि के रोग जिसमे नमक खाने को मना हो उसमे भी इसका उपयोग किया जा सकता है। यह पित्त नाशक और आंखों के लिये हितकारी है । दस्त, कृमिजन्य रोगो और रह्युमेटिज्म मे काफ़ी उपयोगी होता है ।
सेंधा नमक के विशिष्ठ योग
हिंगाष्ठक चूर्ण, लवण भास्कर और शंखवटी इसके कुछ विशिष्ठ योग हैं ।
काला नमक
यह भी ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, वायु शामक है । पेट फ़ूलने की समस्या मे मददरुप है। इसके सेवन से डकार शुध्ध आती है और छोटे बच्चो की कब्ज की समस्या मे इसका उपयोग होता है ।
काला नमक बनाने की विधि
काला नमक बनाने के लिये सेंधा नमक और साजीखार सम प्रमाण मे ले। साजीखार का उपयोग पापड बनाने में होता है और यह पंसारी की दुकान पर आसानी से मिलता है। इस मिश्रण को पानी मे घोलें । अब इसे धीमी आंच पर गर्म करे और पूरा पानी जला दें । अंत मे जो बचेगा वह काला नमक है ।
3 comments:
धन्यवाद भाई साहब.. अब नमक के बारे में हम विश्वास से कह सकेंगे कि क्या क्या है..
शंका निवारण के लिये आभार. आपको तकलीफ दी.
लाहोरी नमक के सेवन से होने वाले और शारीरिक लाभ के बारे में बतायें .
Post a Comment