आप सोच रहे होंगे कि इसमे ऎसी क्या खास बात है ? जब गये थे तो वापिस तो आयेंगे ही। अभी तो गुजरात मे उनका राज चलता है । नही जीं, जिस तरह अपने मोदीजी का जाना एक चर्चा का विषय था उसी तरह उनका वापिस आना भी।
मालूम है, गुजरात की खराब हालत देखते ही मोदीजी जल्दी से वापिस आ गये। यह हम नही कह रहे हैं, उनके राजस्व मंत्री कौशिकभाई पटेल और कृषि मंत्री भूपेन्द्र चूडासमा का कहना है। उन्होने कल बताया था कि लगभग चार घंटे जल्दी आयेंगे।
मोदीजी तो विशेष वायुयान से गये थे। उसका कोई टाईम टेबल तो होता नही । जब दिल करे, उडवा दो। अब चार घंटे के लिये कोई झूठ थोडे ही बोलेगा। देखो भैये, मोदीजी गये थे तीन दिन के प्रवास पर । यानि कि पूरे ७२ घंटे । अब अगर ऎसे मे अपने गुजरात के साडे पांच करोड लोगो के ह्रुदय सम्राट (हम नही कहते, मंत्री और अन्य मोदीजी के भाषण मे कहते हैं ) चार घंटे जल्दी आते हैं तो वह हुआ साडे पांच प्रतिशत । कम है क्या ?
खैर , इधर उनका जहाज उतरा, उधर बारिश बंद । इसे हमारी नानी राजा का सत कहती थी । सूचना विभाग का कहना है इधर जहाज से उतरे उधर हवाई अड्डे पर ही अधिकारियो की बैठक की और दूसरा जहाज पकड वो चल दिये बाढ प्रभावित इलाके का हवाई निरीक्षण करने । भावनगर पर जब उनका जहाज तेल लेने के लिये उतरा तो वहा भी उन्होने प्रभारी मंत्री और अधिकारियों की मीटिंग कर डाली।
ये कांग्रेसी बेकार मे कहते हैं कि मोदीजी के राज मे बस मीटिंग, ईटिंग और चीटिंग ही है । स्वीटजरलैंड से आ बिना टाईम लेग और जेट लेग की चिंता किये अपने मोदीजी दौरे पर निकल गये। मीटिंग बेकार नही करते । अहमदाबाद हवाई अड्डे की मीटिंग के बाद उन्होने घोषणा कर दी कि बरसात से मरने वाले को अब रु ५०,००० की जगह रु एक लाख दिया जायेगा । बरसात मे पिछले साल भी काफ़ी लोग मरे थे । पर समय समय की बात है । ये चुनावी वर्ष जो ठहरा।
अपने मोदीजी सूचना मंत्री भी हैं । उनके विभाग का कहना है कि देखो देखो कैसा समय आया है। बरसात का मौसम शुरू होने से पहले ही मौसम की आधी बरसात हो गयी। देखा मोदीजी के सत का प्रताप । काश एक बारिश मे ही सारी फ़सल पैदा हो जाती । पर उस जमीन का क्या जो इस बरसात मे बिगड गई । नही हमे यह सब नही सोचना चाहिये । यह कांग्रेस के नकारात्मक राजनीति का प्रभाव है । हमे सकारात्मक सोच रखनी चाहिये ।
शाम को कांग्रेस के शक्तिसिंह मिले। पत्रकारो को बोले कि हमारे मंत्री आ रहे थे और उन्हे मालूम पडा कि पाटडी मे कुछ लोग फ़ंसे थे और उन्हे बचाने के लिये हमारे मंत्री उतर गये (आकाश मे नही, हवाई अड्डे पर) । उन्होने उनका हेलिकोप्टर इन लोगों को बचाने के लिये भेज दिया ( अंदाज ऎसा कि वो यान उनका अपना था या फ़िर जेब से पैसा दे किराये पर लिया था) । हमसे रहा नही गया। हमने पूछ ही लिया । भैये हेलिकोप्टर किसका था ? बोले, भारतीय वायु सेना का ।
और जब हम आफ़िस पहुंचे, वहां सूचना विभाग का प्रेस नोट था कि राज्य सरकार ने हेलिकोप्टर की मदद से पाटडी मे पानी मे फ़ंसे लोगो को बचा लिया !
सच तो राम जाने किसका हेलिकोप्टर था और किसने बचाया । हमे तो बस यह मलूम है कि हमारे मोदीजी वापिस आ गये हैं ।
1 comment:
भैया आपकी शैली तो मोदी को भी मात दे रही है। लिखते रहिये।
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