मोदी केवल विकास की हे बात करना चाहते हैं । वे गोधरा या अन्य किसी ऎसे मुद्दे पर चर्चा नही करना चाहते जो अदालत के समक्ष हो। पिछले काफ़ी समय से ये बाते दोहराने वाले मोदी अब जहां भी जाते हैं, सोहराबुद्दिन की मुठभेड की चर्चा जरूर करते हैं । लोगो से यह भी पूछते हैं कि सोहराबुद्दिन का मर्डर नही करता तो क्या करता?
आज जब सुप्रीम कोर्ट मे यह मामला है, गुजरात सरकार यह कह चुकी है कि यह फ़र्जी मुठभेड थी तब मोदी का यह कहना कि सोहराबुद्दिन आतंकवादी था इसलिये उन्होने उसे उडा दिया यह क्या दर्शाता है? उधर गुजरात सरकार का वकील परेशान है कि वह अदालत मे क्या कहे मोदी के इस विधान के बाद?
पर मोदी के इस विधान के बाद पुलिस की गुत्थी सुलझ गई है ? अभी तक पुलिस यह नही जान पाई है कि उसके आला अफ़सरों ने यह फ़र्जी मुठभेड क्यो की थी ? मोदी ने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि यह सब उनकी कारस्तानी थी!!! है क्या पुलिस मे उन्हे पकडने की ? इस विधान ने मोदी के विकास के मुखोटे को हटा कर असली कोमी चेहरे को उजागर किया है।
1 comment:
बहुत खरी बात कही है आपने योगेश जी। लेकिन मोदी ने पुलिस से लेकर अदालत जैसे तमाम संस्थाओं को इस तरह मटियामेट किया है कि वो उसके खिलाफ कुछ नहीं कर सकतीं।
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