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Sunday, December 2, 2007

गुलाटमार यतिन वापिस भाजपा में

गुजरात की राजनीति से ले कोर्ट कचहरी तक मे यतिन ऒझा को कौन नही जानता? काफ़ी मशहूर हैं । एक नेता या वकील के रूप मे कम,सनसनीबाज आदमी के रूप मे ज्यादा। मजेदार बात यह है कि इस सबके बावजूद वे अहमदाबाद के जनजीवन मे एक बडा नाम हैं। वो साबरमती के भाजपा के विधायक रह चुके हैं । कुछ साल पहले नाराज हो गये। तत्कालीन मुख्य मन्त्री केशुभाई पटेल को कुछ पत्र दाग, भाजपा को गालियां बक भाजपा को अलविदा कह दी।
जुड गये कांग्रेस मे। और काफ़ी समय तक गुमनामी मे खो रहे। अब जब चुनाव की बात चली तो अपने यतिन भाई का बजार वापिस गर्म हो गया। जब लगा कि कांग्रेस मे दाल नही गलेगी , उन्होने मोदीजी के आसपास घूमना शुरू कर दिया। पर अपने भाई बेवकूफ़ थोडे है। हवा फ़ैल्वा दी, कि यतिन वापिस भाजपा मे आ रहे हैं। नतीजा । अपने यतिन भाई सभी को सफ़ाई देते नजर आये कि इस बात मे दम नही है।

कुछ दिन पहले मिल गये कांग्रेस भवन मे । बोले, योगेश मै शाह्पुर से चुनाव लड रहा हू, कांग्रेस की टिकट पर। उनका वही अंदाज। आखों मे आंख डाल कर। कोई उनकी बातॊ को गलत कैसे मान सकता है। हमने भी उनके दोस्तों को फ़ोन कर कर कह दिया, भैये दो अभिनंदन यतिन को । थोडी देर बाद हमारे फ़ोन की घंटिया बजने लगी। मित्र बोले कि यतिन तो ना कह रहा है। हमे यह कहने की जरूरत ही नही पडी कि भैये यतिन की बात तो राम जाने।
कुछ दिन पहले, गुजरात भवन मे उनकी बीबी के साथ टकरा गये। बडी गर्मजोशी के साथ मिले। उन्होने अपनी से पूछा, जानती हो योगेश्जी को। बडे पत्रकार है, काफ़ी पुराने मित्र। दिल्ली जाते ही अपने गुजरात के नेता हिन्दी बोलनी शुरू कर देते हैं ! हर कोई सोचता है की वो संसद मे बोल रहा है।

खुद ही बोले कि कांग्रेस मे ही है। इस मुलाकात को दस दिन भी नही हुए और कल रात हमारे फ़ोटोग्राफ़र ने हमे कहा कि यतिनभाई राजनाथजी के साथ भाजपा की एक बैठक को संबोधित कर रहे हैं!!!! कुछ देर मे भाजपा के फ़ेक्स ने यह बात सही सिद्ध कर दी कि अपने यतिन भाई अब वापिस भाजपाई हो गये हैं । देखे कितने दिन भगवा रंग चढा रहता है उन पर।

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