हालांकि पिछले कई वर्षों से रथ यात्रा के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना नही हुई है, जगन्नाथजी की यात्रा अहमदाबाद मे अभी तक दंगा यात्रा का उसका लेबल नही हटा पाई है । रथयात्रा के कुछ दिन पहले ही बम और पिस्तौल मिलने के समाचार आने शुरू हो जाते हैं । पिछले कुछ वर्षों से पुलिस का दावा है कि उसकी सतर्कता के कारण हिंसा फ़ैलाने वाले तत्व सफ़ल नही हो पाते।
कल ही पुलिस ने एक मुसलमान युवक को लालदरवाजा मेन बस टर्मिनस पर से पकडा। पुलिस का कहना है कि उसे जानकारी मिली थी कि वह युवक वहां बम बेचने आया था । बंगाल से अहमदाबाद देसी बम बेचने आया था ! मजे की बात यह है की लालदरवाजा पर ज्यादातर लोग जीरो नंबर के प्लेट्फ़ोर्म पर ही पकडे जाते है। अरे भैये अगर देसी पिस्तोल का कट्ता बेचते हुए कोई पकडा जाये तो हम समझ सकते है कि वह उत्तर प्रदेश से आया होगा । गुजरात मे लोग यूं ही करोडों का गोटाला कर पैसे बना लेते है, बिना किसी कट्टे के । इसलिये जब जरूरत होती है तब उत्तर प्रदेश से मंगवा लेते हैं ।
हमने कल पुलिस वालो को बम पकड्ते देखा । पुलिस की हिम्मत को दाद देनी पडे । जिंदा बम खुले हाथ पकड कर ले गये अपने पुलिस वाले । बस सिर पर एक हेल्मेट पहन रखी थी। इसे कहते है जाबांज पुलिस । स्काट्लेंड और अमरीका की एफबीआई को गुजरात पुलिस से यह गुर सीखना चाहिये । हमे हमारे बचपन के वो दिन याद आ गये जब हम मदारी का जहरीले सांप का खेल देखते थे । आजकल के बच्चो के ऎसे भाग्य कहां । मेनका गांधी ने सपेरो, बन्दर- भालू वालों के धंधे की वाट लगवा दी है ।
खैर हमारे साथ टी वी पर यह द्रश्य देख रहे हमारे पुत्र ने हमारे साथ बहस शुरू कर दी । डिस्कवरी चैनल का रसिया हमारा मधुर अड गया कि बिना किसी सुरक्षा के पुलिस बम इस तरह से कैसे ले जाती । हमने उसे कह दिया कि कालेज मे पढने का यह मतलब नही कि उसे सब कुछ आता है। हमारे अहमदाबाद की पुलिस तो रोकेट लोंचर तक पकड लेती है ये तो सादा बम है । उसने पूछा कि बंगाल से बम बेचने आया, वहां कुछ खास बात है क्या ? जैसेकि रामपुरी चाकू । हमने कहा कि आतंकवादी ऎसे रास्ते अपनाते है जो अच्छे अच्छे करमचंद और डिटेक्टिव ऒकारनाथ (डॉन) भी नही समझ पाते हैं ।
खैर अपने मित्रो ने भविष्यवाणी कर दी है की अभी कुछ और पकडे जायेंगे क्योकि हर साल यह होता है। यात्रा के शांतिपूर्वक निकल जाने पर पुलिस के अफ़सरान पुलिसवालो को यात्रा को शांतिपूर्वक निकलवाने के लिये धन्यवाद देते हैं । अपने भाजपाई मित्र मोदी जी का हिन्दुऒ की यात्रा की सफ़लता के लिये आभार मानेंगे । हर साल यही हो रहा है ।
1 comment:
पहले से हौवा खड़ा करने पर नहीं बिगड़ना होगा तो भी माहौल बिगड़ जाएगा। हमें ऐसा करने से बचना चाहिए। अहमदाबाद पुलिस की बहादुरी से कौन इनकार कर सकता है। डी जी बंजारा साहब इसकी सबसे बड़ी मिसाल हैं।
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