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Tuesday, June 5, 2007

पांच करोड़ का चुनावी चक्कर

कुछ नम्बर हिट हो जाते हैं सही समझे , लकी नम्बर । हमारे नरेंदर भाई के लिए पांच करोड़ शायद ऐसा ही लकी नम्बर है । तभी तो जहाँ जाते हैं पांच करोड़ की बात करतें हैं। उनका सब कुछ पांच करोड़ के लिए ही हैं। वे सब काम पांच करोड़ जनता के लिए करते हैं।

अपने कांग्रेसी भाईयों ने भी करोड़ों की बात करनी शुरू कर दीं है। हर मीटिंग मे वो भी अब पांच करोड़ की बात करते हैं । नरेंदर भाई पांच करोड़ जनता बोलते हैं तो अपने कांग्रेसी नेता कहते हैं कि नरेंदर भाई पांच करोड़ जनता के नहीं पर पांच करोड़ पतियों के हैं। अब तो हर सभा में कांग्रेसी नरेंदर भाई के पांच करोड़पतियों की ही बात करतें हैं।

कांग्रेसी कहते हैं कि भाई नरेंदर पांच करोड़पतियों को प्लेन मे बैठा घूमते रहते हैं। अपने खजुराहो वाले शंकरसिंह वाघेला यह कहते नही थकते की अरे करोड़पतियों तुम्हारी खैर नही। अब हमारी सत्ता आने वाली हैं । इतने भी केसरी मत बनो कि हमारे पास आना मुश्किल हो जाये।

यह बात अलग हैं कि जिन करोड़पतियों की बात वाघेला करते हैं वो वाघेला की प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों को खाना परोसते नजर आतें हैं ! एक दिन हम वाघेला जीं से पूछ बैठे , भैये ये पांच करोड़पति हैं कौन। आप बार बार पांच करोड़पति बोलते हैं पर नाम नही बतलाते हैं । वो तपाक से बोले सभी जानते हैं । हमने जब बार बार पूछा, तो बोले अरे ये सब छोडो और बताओ की क्या चल रहा है। एक करोड़पति मिल गए। हमने पूछा कि ये करोड़पति का क्या चक्कर है। बोले, पूछो वाघेलाजी से । हमने कहा कि वो तो कुछ बोलते ही नही। तब फिर क्यों चक्कर में पड़ते हो जिस दिन वाघेला जीं नाम बता दें , हम से मिल लेना । साफ था की वाघेलाजी नाम नही बताएँगे । बोलेंगे जरूर।

गुजरात में यह चुनाव का साल हैं और मोदीजी और वाघेलाजी दोनो को चुनाव लड़ना है और दोनो को ही वोट और नोट दोनो ही चाहिऐ । पांच करोड़ जनता के वोट और पांच करोड्पतियो के नोट।

ये है पांच करोड़ का चुनावी चक्कर।

1 comment:

संजय बेंगाणी said...

जो पाँच करोड़पति की बात करता है वे बेवकुफ है, यहाँ तो गली गली में करोड़पति मिल जाएंगे, फिर पाँच ही क्यों?

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