अपने मोदीजी की वाक छटा का क्या कहना। मुख्यमंत्रीजी जब बोलने लगते है तो कथावाचक की जुबान की तरह साक्षात सरस्वती उनकी जुबान पर बैठ जाती है । श्रोता कैसा भी हो । मंत्रमुग्ध हो ही जाता है । यह बात अलग है कि बाद में ही उसे मालूम पड़ता है कि मोदीजी हकीकत मे क्या बोले ? ये है अपने मोदीजी का उनका अपना अंदाज ।
इस साल अपने गुजरात में चुनाव हैं । हर कोई मोदीजी से कुछ ना कुछ वसूलने के चक्कर में लगा हुआ है।
सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों ने यूनियन बना डाली। मांगे रख दीं । हड़ताल की नोटिस दे डाली। इधर व्यापारी भी मोर्चे निकाल रहे हैं। चुंगी की पुंगी बजा डालो, पिछले चुनाव के वादे पूरे करो। एक तरफ पटेल नाराज हैं तो दूसरी तरफ कोली समाज ने मोर्चा खोल डाला है।
पर अपने मोदीजी तो मोदीजी हैं। सरकारी कर्मचारियों को कहा जाओ तुम्हारी सारी मांगे मंजूर। अब कोई हड़ताल वदताल नही। समझे। उनके प्रेमी कर्मचारी नेताओं ने उन्हें फूल हार भी पहरा दिए। पर अपने कर्मचारियों कि एक समस्या है। सब मांगे अगले साल तक मे पूरी करने का वादा है मोदीजी का। चुनाव इस साल हैं। अगला साल किसने देखा है१ मालूम नही किसकी सरकार होगी राम जाने।
चुंगी हटाने का वादा पिछले चुनाव मे किया था तो अगले चुनाव से पहले हटा देंगे, अपने बात बात पर जोक मारने वाले वित्त मंत्री वजूभाई वाला बोले। किसीने भी उन्हें गम्भीरता से नही लिया और व्यापारियों ने आंदोलन जारी रखा। अगले दिन अपने मोदीजी ने कैबिनेट मीटिंग में चुंगी हटाने की घोषणा कर डाली। कहा की अब चुंगी ख़त्म। लाभ पांचम से सात शहरों मे कोई चुंगी नही ।
यह लाभ पांचम आती है १५ नवेम्बर को । लगभग छः महिनो के बाद। उसी महिने में चुनाव होंगे अगर सभ कुछ ठीक ठाक चला । फिर तो यह कैसे होगा। शायद पहले से ही पटकथा लिख डाली है। भाईयों और बहनो हमने वादा किया था कि हम लाभ पांचम से चुंगी हटा देंगे। हम हटा देते। पर चुनाव आ गए हैं। पर हम वादा करते हैं कि सत्ता पर आते ही हम इस बार चुंगी जरूर हटा देंगे।
देखा अपने मोदीजी की वाक छटा का कमाल !
2 comments:
वाकई मोदी जी महान हैं.
तभी तो सभी कलमघिस्सू मोदी मोदी भजते रहते हैं और उन सबकी नैय्या पार हो जाती है.
न मानो तो बिचारे राजदीप देसाई को देख लो.
और यह शुन्य भी तो मोदी के सहारे आगे बढ़ना चाहता है. :)
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