दिसम्बर मे गुजरात मे विधान सभा चुनाव होने जा रहें है. आजकल राजनीतिक दलों के कार्यालयो पर टिकट लेने वालों के टोले इकठ्ठे हो रहे हैं.वर्षो बाद कई चेहरे दिखलाई दे रहे हैं.आखिर टिकट की लाटरी की बात जो ठहरी. राजनीति का चस्का ऎसा है कि एक बार लग गया तो उसका रंग छूटता ही नही. उम्र नहि ख्वाहिश जवान रहनी चाहिये.
भाजपा के स्टार प्रचारक अपने मुख्यमंत्री मोदीजी ही है. कांग्रेस के युवा नेता सुबह हेलिकोप्टर ले गुजरात की हवाऒं को रोंदने निकल जाते है. अभी से यह हाल है, कि नेता ही नही उनसे जुडे कार्यकर्ता भी मुश्किल से सो पाते हैं.
पिछले दो दिनों मे कांग्रेस ने २२०० कार्यकर्ताओं को सुना. सभी को टिकट चाहिये. सभी को लगता है कि इस बार तो कांग्रेस सत्ता मे आ ही जायेगी. १८२ बैठको के लिये २३०० उम्मीदवार !! इससे बडा उत्साह वर्धक समाचार और क्या हो सकता है अपने कांग्रेसी नेताओ के लिये.
अपने भाजपाईयो के यहा मामला कुछ अलग है. सबका मानना है कि टिकट तो उसी को मिलेगा, जिसे अपने नरेन्द्र भाई देना चाहेंगे. चंद लोगो को ही मोदीजी की उनकी चाहत के बारे मे मालूम पडा है. वैसे भाजपा के कूंचे पर भी भीड़ जमी रहती है. वहां भी सैकडों की सुनवाई हो चुकी है.
इस बार चुनाव का माहौल एक साल पहले ही शुरू हो गया है. अभी तो ४५ से अधिक दिन बाकी है.देखें आगे आगे क्या होता है....
1 comment:
आप बताते रहें आगे क्या क्या होता है.
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