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Thursday, April 10, 2008

मोदी, मिल्ट्री, मीडिया और माकटेल

मिल्ट्री वालों की प्रेस कान्फेंस का अपना ही आकर्षण है। मुफ्त में दारु। गुजरात जैसे राज्य में तो यह विशेष आकर्षण है। दारुबंदी जो है यहां। आप फौजियों की प्रेस कांफ्रेंस में बेफिक्री से मदहोश हो सकते हैं।

पर पिछले कुछ समय से फ़ौजियों की प्रेस कांफ़्रेंस सूखी ही रहती है। दारू तो छोडो बीयर भी नही मिलती है। काकटेल की जगह मॊकटेल परोस देते है, अपने फ़ौजी भाई। बोलो कोई चीयर्स कैसे करे। साफ़ है कई लोग तो आते ही नही हैं । कुछ आते हैं तो फ़ौजियो की शुष्कता को कोसते रहते हैं।

अपने मित्रो के हित में हमने अपनी खोजी पत्रकारिता की सारी तरकीबे लगा दी। हमारे पास फौज में पत्रकारों की दारुबंदी का विश्‍वसनिय जवाब है। आप इसे हमारा 'स्कूप' कहें तो हमें काफी आनन्द होगा!हुआ यूं कि २००४ में वायुसेना के तत्कालिन एयर मार्शल पी. के. मेहरा, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने गये। इस औपचारिक मुलाकात में बातों बातों में मेहरा ने वेट के कारण महंगी हुई शराब की तर्ज पर फौजी की समस्या बयां की।

आपको बता दें कि मेहराजी उस समय दक्षिण पश्चिम एयर कमांड के कमान्डर थे। कई राज्यों के सीमक्षेत्र वाली इस एयर कमान्ड का मुख्यालय गांधीनगर है।अपने मोदीजी को भी शायद इस मुद्दे की आशंका थी। तपाक से बोले, मेहराजी आपके फौजी सस्ती दारु को बाहर ब्लैक में बेचते हैं। आपकों यह तो मालूम होगा कि गुजरात में दारुबंदी है। मेहराजी बोले ऎसी बात है। और एक फौजी कमान्डर से गुजरात के कमान्डर ने वादा किया कि वे देखेगें कि इस प्रकार की घटना न हो। इस समझौते ( हां जी एमओयू ) के तहत फौजियों की शराब सस्ती हो गई।

मेहरा ने मुख्यमंत्री के चैम्बर से बाहर निकल विंग कमान्डर टी के सिंगा को कहा कि देखो किसी सिवीलियन को दारु नहीं। बेचारे सिंगा क्या करते ? आदेश जारी हो गये। सबसे बडी समस्या सिंगा के लिये हुई ! उन्हे जनसम्पर्क अधिकारी के रुप में आये दिन पत्रकारों से पाला पडता था। पर फौज तो फौज है और सिंगा पहले फौजी फिर पीआरओ !

यह प्रथा नौ सेना में भी आ गई। उसका करण था उसके कमान्डर उत्पल वोरा का गुजराती होना। पहला गुजराती कमान्डर जैसी दर्जनों सुर्खिया बटोरने वाले वोरा ठहरे गुजरात के व्यापारी ब्रेन। उन्होने मध्यम मार्ग ढूंढ निकाला। नौ सेना के जहाज पर पत्रकारों को दारु पिलाओ। गुजरात की दारु बन्दी समुन्द्र में तो नहीं लगती।पर अपने भाई लोगों को दारु पीने वोराजी के जहाज पर पोरबन्दर जाना पडे़ ! बार बार यह थोडे ही सम्भव है।

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