आईआईएम अहमदाबाद ने उसकी फीस में तीन गुना बढा़ तहलका मचा दिया। अब आपको आईआईएम अहमदाबाद का एमबीए होने के लिये रु. १२ लाख की फीस देनी होगी।
मानवसंसाधन मंत्री अर्जुनसिंह जो आईआईएम के पीछे हाथ धोकर पड़ गये थे, उन्होने शुरुआत में तो थोडी सी नाक भौं चढा़ई। पर, फिर वो भी चुप हो गये और फीस मंजूर हो गई। कईयो का मानना है कि अर्जुनसिंह की समस्या आईआईएम नहीं पर आईआईएम के पूर्व अध्यक्ष बकुल धोलकिया का अंदाजे बयां था। अपने समीर बरुआ ने उन्हे एक नया अर्थशास्त्र पढा दिया।
बरुआ जी ने कहा कि एक लाख वार्षिक आय वालों की सम्पूर्ण मुफ्त पढा़ई। अन्यो को भी थोडी बहुत छूट । बरुआजी के अनुसार रु. छ्ह लाख की वार्षिक आय वालों को छूट छाट मिलेगी। उनका दावा है कि इससे ६५ प्रतिशत को लाभ मिलेगा। यह अर्जुनसिंह की ३३ प्रतिशत की मानसिक सोच से दो गुना निकला !!
बरुआ जी का कहना है कि बढती महंगाई और सरकार द्वारा वेतन वृद्धि के कारण यह बढोतरी की गई। अब अन्य आईआईएम और आईआईटी भी इस शानदार सोच पर विमर्श कर रहे है।
शुक्र है बरुआ जी ने यह नहीं कहा कि मासिक महंगाई के दर पर हर महिने फीस में परिवर्तन होगा। आशा है कि मुद्रास्फिति में कमी पर अपने बरुआजी फ़ीस कम भी करेंगे!!
Followers
Tuesday, April 15, 2008
आईआईएम अहमदाबाद का नया अर्थशास्त्र
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment