कच्छ के
रण में ऐतिहासिक पुरातात्विक स्थल धोलावीरा के इर्द गिर्द एक अनोखी दौड़ का आयोजन किया गया है। उबड़ खाबड़ रास्तों पर देश और दुनिया के लोग दौड़ेंगे। हालांकि विदेशों में इस प्रकार की दौड़ काफी लोकप्रिय हो रही हैं, भारत में यह एक काफी नया प्रयोग है।
तकनीकी भाषा में
इसे अल्ट्रा ट्रेल रन कहा जाता है। आम भाषा में कहा जाए तो उबड़ खाबड़ रास्तों पर होने वाली लम्बी दौड़ यानी कि अल्ट्रा ट्रेल रन। दौड़ का आनन्द ही इसमें भाग लने वालों के लिए पुरूस्कार है। इसमें भाग लेने वालों को किसी प्रकार का कोई पुरुस्कार नहीं होगा, गुजरात के पर्यटन मंत्री सौरभ पटेल, एक प्रश्न के उत्तर में स्पष्ट करते हैं।
उबड़ खाबड़
रास्तों पर दौड़, किसी प्रकार का कोई भौतिक पुरूस्कार नहीं, फिर भी इस 101 किमी लम्बी दौड़ में 11 देशों के 17 लोग भाग ले रहे हैं। दुनिया के सर्वोच्च 10 अल्ट्रा ट्रेल रनर में से छह इस दौड़ में भाग ले रहे हैं। इस दृष्टि से देखें तो यह इस प्रकार की भारत के पहली दौड़ है।
सौरभ पटेल
का कहना है कि यह पहला प्रयोग होने के कारण यह एक प्रकार का अभ्यास है, इस दौड़ के लिए ढाचागत सुविधाएं तैयार करने का। हालांकि दौड़ का आयोजन विश्व के इस प्रकार की दौड़ के विख्यात दौड़ने वाले फ्रांस के गेल कौटियर हैं, फिर भी यह दौड़ रण प्रदेश में होने के कारण इसमें काफी कुछ सीखने को मिलेगा, उन्होने कहा।
अधिक से
अधिक लोग भाग ले सकें इसलिए इस दौड़ को तीन श्रेणियों में रखा गया है। ये हैं 21, 42 और 101 किमी। इन तीनों के लिए समय भी निश्चित किया गया है। 21 किमी के लिए अधिकतम छह घंटे, 42 किमी के लिए 12 घंटे और 101 किमी के लिए 30 घंटे। गेल कौटियर कहते हैं कि रास्ते में विश्राम और चिकित्सक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
ऍक प्रश्न
के उत्तर में उन्होने कहा कि सभी श्रेणियों मे लगभग आधा रास्ता पहाड़ी प्रकार का है। बाकी के
रास्ते में वेटलैंड जैसी चुनौती भरी स्थितियां भी हैं।
इस बार
के लिए 100 की संख्या निश्चित की गई है। आज तक मे कुल 98 लोगों ने उनका नाम दर्ज कराया है। इसमें आठ महिलाएं भी हैं।
इसकी तैयारी
की जानकारी देते हुए आऊटडोर जर्नल के अनिल नायर ने कहा कि पिछले कई सप्ताह से उस क्षेत्र में कई दौड़ने वाले व्यावहारिक समस्याओं का अभ्यास कर रहे हैं जिससे हर प्रकार की जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
इस प्रसंग
से जुड़ी संस्था ग्रेट एशियन आउटडोर की डायरेक्टर हिरल रावतिया ने कहा कि यह तीन दिन का कार्यक्रम 14 फरवरी से शुरू होगा। इसके लिए एक वेब साईट भी बनाई गई है, जहां इसकी सभी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। यह है
www.runtherann.com.
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