पिछले हफ्ते हमारे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने देश का पहला बलून उड़ा एक इतिहास रचा था। यह हम नहीं कहते है। अहमदाबाद मगर निगम और सरकारी प्रचार माध्यम कहते हैं । मोदीजी ने इस हीलियम बलून में उड़ कर अहमदाबाद की हवाई तस्वीरें भी खीची थी। और घोषणा भी की थी कि बच्चों को सुबह के समय रियायती दर पर बलून की सैर कराई जायेगी।
पर उस पहली उड़ान के बाद आज तक बलून उड़ा ही नहीं। कारण यह है कि नियमित उड़ान के लिए जरूरी व्यवस्था ही नहीं बनी थी। तब फिर हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्रीजी ने उड़ान भरने का खतरा क्यों उठाया ? अगले दिन नगरनिगम के चुनावों की घोषणा होनी वाली थी। साथ ही आचार संहिता लग जाने वाली थी। फोटो के साथ प्रचार माध्यमो में छा जाने का एक अवसर चला जाता !
अब ये बलून उड़ेगा भी या नहीं? अपने नगर निगम के आल्ला अफसर जन समस्याओं को टालने के जितने मौलिक तरीके जानते हैं उतने ही वो काम करने के तरीको से भी वाकिफ हैं। और जब बात मुख्यमंत्रीजी की हो तो रचनाशीलता का क्या कहना। अपने भाई लोगो का कहना है कि बलून कल से उड़ान भरेगा । इस कल का भी राज है। कल यानी सितम्बर १७ को हमारे मुख्यमंत्रीजी का जन्मदिन है।
देखा मुख्यमंत्रीजी ने बलून उड़ाया और जन्मदिन के दिन लोगो को उड़ाने को दिया ! बलून है । उड़ेगा। मोदीजी को प्रचार की नई उचाईयों तक ले जाएगा।
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