हर वर्ष गुजरात से सैंकड़ो छात्र पढ़्ने के लिये विदेश जाते हैं. इसमे कई को स्कोलरशिप भी प्राप्त करते हैं. पर इस बार चार युवा अलग प्रकार की स्कोलरशिप पर उच्च अभ्यास के लिये विदेश जा रहे है. यह है जुबली स्कोलरशिप जो केवल इस वर्ष दी गई है. महारानी की डायमंड जुबले और लंदन ओलम्पिक के अवसर पर यह विशेष स्कोलरशिप दी जा रही है.
पूरे भारत में से ६० युवाओं को उच्च अभ्यास के लिये यह स्कोलरशिप दी जा रही है. इसकी घोषणा मार्च मे की गै थी. कुल २३०० युवाओं ने इसके लिये आवेदन किया था और ६० का चयन किया गया है. इसमे चार गुजरात से है. सा है कि यह गुजराती युवाओं के लिये एक बड़ी उपलब्धी है. विशेषकर इसलिये क्योकी गुजरात के युवा इस प्रकार की अत्यन्त स्पर्धात्मक परिक्षाओं मे कम ही भाग लेते हैं.
प्रत्येक युवा को उसकी पढ़ाई, वहां रहना और खाना पीना सब मुफ्त होग और इस पर लगभग ४० लाख रुपये का खर्च होगा जो ब्रिटेन सरकार देगी. युवाओं का चयन तीन स्तरीय प्रक्रिया के अधार पर हुआ. गुजरात से दो युवकों और दो युवतियों का चयन हुआ है.
अंकिता उपध्याय और ध्रुति बाबरिया इन दोनो छात्राओं को क्लीनीकल एम्ब्र्योलोजी के अध्ययन के लिये स्कोलरशिप मिली है और प्रियंक हीरानी को एनेलोग एंड डिजीटल सरकिट में और कमीर कोठारी को फाइनेंनशियल इकोनोमिक्स मे अभ्यास के लिये स्कोलरशिप मिली है.
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