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Wednesday, August 22, 2012


बुरे फंसे फलदू भैय्या

फलदूभाई गुजरात भाजपा के अध्यक्ष हैं . यह बात हकीकत मे कम और कागज पर ज्यादा है . मीडिया से मिलना तो उनका ईद के चांद जैसा है. अरसे के बाद मंगलवार को अपने फलदू भैय्या पत्रकारों से मिले . उनसे मिलने पूरा मीडिया भाजपा कार्यालय मे उतर पडा .
सभी को आश्चर्य हुआ. फलदूभाई ने घोषणा की कि कांग्रेस का एक कांग्रेसी छुट्भैय्या भाजपा मे जुडा है. एक प्यादे की बात राजा के मुंह से. पर गुजरात मे भाजपा तो अनोखी है. कुछ दिन पहले एक मित्र ने मजेदार व्याख्या दी थी गुजरात मे भाजपा की. बोले ये तो अपने आप मे एक अलग ही दल है- भाजपा गुजरात. एक स्वतंत्र दल ! इस्के सर्वे सर्वा अपने मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदीजी !!
बात हो रही थी अपने फलदूभाई की . मोदीजी ने कहा होगा. आ गये ओर कर दी घोषणा. आगे क्या. अपने भाई लोग टूट पडे. डगने लगे सवाल पर सवाल. अपनी सदबहार मुस्कराहट से आई के जादेजाजी ने वार इधर उधर कर्ने की कोशिश की. फलदूभाई पेशे से वकील हैं . जब पत्रकारों ने केशुभाई के बारे में सवाल किया तो बोले ये सब छोडो.
कई पत्रकारों ने किसानो की आत्महत्य के बारे मे पूछा . जवाब दिया कि गुजरात मे तो कुछ नही है, अन्य राज्यो मे देखो क्या हो रहा है. फलदूभाई गलत नही थे. आजकल अपने भाजपाई यार हर सवाल के जवाब मे कहते हैं कि ओर राज्यों मे देखो क्या हो रहा है. कुछ न कह पायें तो जवाब देते हैं कि दिल्ली की सरकार को देखो.
अपने ग्यारह साल के राज मे मोदीजी ने भाजपा मे अपने इतने सारे मुखोटे तैय्यार कर दिये हैं कि हर कोई उनकी शैली मे ही जवाब देता है ओर मीडिया को गाली देता है. आखिरकार अपने फलदू भैय्या भी उनकी कुर्सी पर मोदीजी की क्रुपा से ही हैं. वैसे भी उनका मीडिया से मिलना तो होता ही नही है . प्रेक्टिस छूट गई है मीडिया के हेन्डल करने की. वैसे भी मोदीजी हैं तो मीडिया से उन्हे क्या लेना देना.
अरे फलदू भैय्या तुम्हे कुछ भी लेना देन हो या नही, पर अपने मीडिया वालों को तो नौकरी करनी है या नही. और उन्होने उनकी नौकरी की. बुधवार के अखबार चीख चीख कर बोल रहे हैं अरे फलदू भैय्या ये तुम क्या बोले . किसानो ने आत्महत्या की ये तो हकीकत है! बेचारे फलदू भैय्या.

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