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Thursday, June 18, 2015

मोदीजी की योगा एक्सप्रेस

मोदीजी ने प्रधानमंत्री बनने के कुछ महिनों में ही वैश्विक स्तर पर योग का लोहा मनवा लिया और इस रविवार 21 जून को वो पूरी दुनिया से योगासन करवा रहे हैं।
योगासन कार्यक्रमों और योगा के प्रचार प्रसार के लिए लोगों, संस्थाओं और सरकारी मंत्रालयों में गला काट स्पर्धा लगी हुई है। आए दिन किसी नए कार्यक्रम की घोषणा अखबारों में जगह बनाने के लिए अन्य समाचारों को हिलाती हुई दिखलाई देती है।
अपना रेल मंत्रालय कैसे पीछे रहता। घोषणा कर दी कि अब, तत्काल प्रभाव से अहमदाबाद-हरिद्वार के बीच चलने वाला हरिद्वार मेल योगा एक्सप्रेस कहलाएगा। देखा जाए तो यह पुराने दिल्ली मेल का तीसरा अवतार है।
यह गाड़ी शुरु हुई थी अहमदाबाद-दिल्ली के बीच दिल्ली मेल के नाम से बाद में गाड़ी बढ़ी हरिद्वार तक और नाम हो गया हरिद्वार मेल। पर तीसरे अवतार योगा एक्सप्रेस की तुक हमें समझ नहीं आई।
अरे भई अगर हम योगा के मूल भारतीय नाम योग के संदर्भ में देखें तो हर गाड़ी व्यक्तियों और शहरों को जोड़ती है। देखा शब्दों का कमाल!!
और अगर योगा’ की बात करें तो अज हमारी गाडियों की जो हालत है वह आम आदमी को डब्बे में घुसाने और उसमें जगह बनाने के लिए तरह तरह के आसन करने के लिए मजबूर कर देती है। हमारे रेलमंत्री का कहना है कि इस नामकरण से योगा का प्रचार होगा।
यह कोई जयपुर-बान्द्रा के डब्बों पर लगा वंडर सीमेंट का विज्ञापन थोड़े ही है, जो योग का प्रचार प्रसार करेगा। हरिद्वार-मेल ही क्यों?
हरिद्वार का योग से क्या सम्बन्ध? हां एक बात है कि वहां बाबा रामदेव उनके पतंजलि योग विद्यापीठ के एकड़ों जमीन में फैले प्रागण में अपने पेट को गाड़ी की तरह छुक-छुक चला अच्छों अच्छों के छक्के छुड़ा देते हैं।
योगा एक्सप्रेस की घोषणा सुनते ही हमारे दिमाग में दो दिन पहले की गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह की बात याद आई। जब उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि योगा डे का प्रचार हो रहा है पर पतंजलि का क्या? वे तपाक से बोले थे मैंने पतंजलि योगविद्यापीठ का जिक्र किया है। (यह हमारे भूपेन्द्रसिंह आसन वाले जीरो कॉलम में हैं)
आज इन्स्टेन्ट फूड की इस पीढ़ी के लिए तो योग यानि कि रामदेव और पतंजलि यानि पतंजलि योग विद्यापीठ (ऋषि पतंजलि नहीं)। रेल मंत्री को भी मालूम है कि मोदीजी के दोनों हाथ बाबा रामदेव पर है और दिल्ली में रहकर भी मोदीजी के लिए गुजरात ही सब कुछ है, भले वे विश्वाटन करते हों।
अब हरिद्वार में मोदीजी के गुजरात और मोदीजी के रामदेव को जोड़ता है तो मंत्रीजी ने एक गाड़ी से मोदी और रामदेव दोनों को खुश रखने के लिए दिल्ली मेल का तीसरा अवतार योगा एक्सप्रेस रेल लाईन पर चला दिया। रेल मंत्रालय में आसनस्थ रहना है या नहीं!!

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