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Wednesday, April 2, 2008

गुजरात पर रिसर्च के लिये विधानसभा लाइब्रेरी!

अपने गुजरात विधान सभा के नये अध्य्क्ष आजकल विधान सभा के पुस्तकालय का उपयोग बढाने मे लगे हुए है । ७७००० से अधिक पुस्तकों वाले इस पुस्तकालय की विडम्बना यह है कि किताबे पढने वाला कोई नही है। इसके सदस्य केवल १८२ विधायक और विधानसभा के सदस्य ही है। मुश्किल से एक दर्जन विधायक इसका उपयोग करते हैं।
जनवरी मे विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद अपने भट्ट्जी ने लाइब्रेरी का जब दौरा किया तब यह बात बाहर आई। उन्होने सभी विधायकों को इस पुस्तकालय का उपयोग करने को कहा। विधान सभा के बजट सत्र के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत मे उन्होने कहा कि यदि कोई व्यक्ति गुजरात पर रिसर्च करना चाहता है तो वे उसे लाइब्रेरी की पूरी सुविधा देंगे। विधानसभा की कार्ववाही का रिकार्ड राज्य के ईतिहास का एक अनोखा रूप है।
अपने भट्ट्जी ठहरे मीडिया गुरू। उनका कहना है कि नर्मदा पर हुई बहस नर्मदा के कार्य का एक अधिकारिक दस्तावेज है। इसी प्रकार राज्यपाल का विधानसभा को सम्बोधन राज्य की प्राथमिकताऒ के बदलते स्वरूप को प्रतिबिम्बित करता है। किसी भी पी एच डी छात्र के एक अच्छे गाईड बन सकते हैं अपने भट्टजी! अखबारवालो को अच्छी कापी देने मे तो माहिर हैं ही अपने भट्टजी । यह समाचार इसका एक अच्छा उदाहरण है।
आज भट्ट्जी से मिलना हुआ। उन्होने एक डिजाईनर को बुलाया हुआ था। एक अच्छे रिसर्च हाल की रूपरेखा दे रहे थे। बोले ब्रिटिश लाइब्रेरी के मैनेजर सतीश देशपांडे जैसे एक्सपर्ट की सलाह ले इसे एक ऎसी लाइब्रेरी बनाना है जिसमे लोग शांति से पढ सके और चाहे तो उन मुद्दों पर चर्चा कर सकें !! भट्ट्जी का आफ़र सभी के लिये है, कोई भी उनका सम्पर्क कर सकता है.

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