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Monday, July 27, 2015

तुषारभाई का वेडिंग टूरिज्म

आजकल टूरिज्म का जमाना है। तरह तरह का टूरिज्म। अब खेत-खलिहान देखने जाएं, फार्म टूरिज्म। आप बीमार हो या किसी बीमार व्यक्ति को बड़े अस्पताल ले जाए तो मेडीकल टूरिज्म।
आजकल लोग (धनाढ्य व्यक्ति) पर्यटक स्थलों पर जा शादी आयोजित करते हैं। अपने सूरत और नासिक के लोग सापूतारा में शादी करने जाते हैं। कई लोग विदेश में बारात ले जा वहीं शादी करते हैं।
आप इसे क्या कहना चाहेंगे? वेडिंग टूरिज्म। अपने अहमदाबाद के तुषार अजमेरा का तो यही मानना है। वर्षों से शादी की फोटोग्राफी करते हैं। पर उनका मानना है कि शादी दुल्हा दुल्हन और उसके फोटोग्राफ का साधारण इवेन्ट नहीं है। यह एक बदलाव का इवेन्ट है। दो परिवारों में आने वाले बदलाव का सूचक इवेन्ट है।
अपने इसी ख्याल को तुषारभाई लंडन में प्रदर्शन में अगस्त और सितम्बर माह में रखने वाले हैं। उन्होंने एक ही शादी के फोटो का एल्बम बनाया है। यह उनका इस प्रकार का पहला प्रदर्शन है। भारत और भारत के बाहर। इसकी भी बड़ी रोचक कहानी है तुषारभाई की।
एक बार लंडन घूम रहे थे। ख्याल आया कि यहां की शादी में हिन्दुस्तान जैसा मजा कहां है?न जाने कब बरसात टपक पड़े। इस डर से आम आदमी तो हॉल ही में शादी करते हैं। धनाढ्य वर्ग के लोग शादी के लिए स्पेन, टर्की वगैरह जाते हैं, जहां खुले आसमान का आनन्द ले सकें।
वे लंडन के लोगों को बताना चाहते हैं कि भारत में यह सब कुछ है। उनका कहना है कि अगर वहां के लोग विदेश जा सकते हैं तो भारत में भी आ सकते हैं।
इससे उन्हें क्या मिलेगा? उनका जवाब है कुछ नया करने का आनन्द। सही बात है शादी की फोटोग्राफी के कुछ सौ पाउन्ड के लिए तो वे यह नहीं करेंगे।

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