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Sunday, September 2, 2012

गुजरात युनिवर्सिटी के दबंग कुलपति आदेश पाल

नये उप कुलपति आदेश पाल
गुजरात युनिवर्सिटी को नये कुलपति मिल गये. वैसे तो अंग्रेजी के अध्यापक हैं, पर नये कुलपति आदेश पाल के इस पद के चयन के लिये शायद उनकी अन्य योग्यताएं काफी काम कर गई . किसी भी काम को वे काफी आक्रमक अंदाज मे करने के लिये मशहूर हैं. आजकल जिस तरह से कांग्रेसी छात्र नेता गुजरात युनिवर्सिटी पर चढ़ बैठैं है उससे शायद अपने मोदीजी की सरकार को लगा कि आक्रमक कुलपति ही नरहरी अमीन एंड कम्पनी को ठिकाने लगा सके. कुछ मामलों मे तो पाल साहब पूर्व कुलपति परिमल त्रिवेदी से कुछ कदम आगे ही हैं.

छात्र नेताओं से तंग अपने परिमल भाई ने तो बाउंसर रख रखे थे. CCTV कैमरा से लैस रहते थे. अपने आदेश पाल जी को शायद बाउंसर टुकडी की जरूरत ही नही पड़े. यादवों के गैंग वाले यू पी के मेरठ के हैं पाल साहब. जरूरत पडे तो खुद ही कुछ को तो अस्पताल भेज सकते हैं. वे पहले उत्तर गुजरात युनि मे थे. एक दिन अंग्रेजी विभाग के ही दवे साहब से किसी बात पर ठन गई. बात शाब्दिक विवाद से लात घूसों पर आ गई. नतीजा ? अपने दवे साहब को गुजराती मे कराह्ते हुए अस्पताल मे भरती कराना पड़ा.

अभी कुछ दिन पहले, फ्रेंडशिप डे के दिन, कांग्रेसी छात्र नेताओं ने काम चलाऊ कुलपति डॉ मुकुल शाह को रुला दिया. दोस्ती दिन पर दोस्ती का वास्ता दे तरह तरह के सवाल पूछे. सुना है कि बाद में डॉ मुकुल शाह ने यह किस्सा बंया करते हुए कई कुलपति इच्छुकों को बिन मांगी सलाह दे डाली . भैय्ये सब कुछ सोचना पर गुजरात युनिवर्सिटी के कुलपति बनने की मत सोचना!

दिमागी तौर पर भी अपने पाल साहब काफी पंगे ले सकते हैं. सुना है कि काफी समय तक अपने तौर पर ही छुट्टी पर रहे. उत्तर गुजरात युनि कुछ कदम उठाए उससे पहले ही पाल साहब नौकरी पर हाजिर हो गये. पाल साहब उत्तर गुजरात युनि के कुलपति बनने वाले थे. पर वहां राज्यपाल को सर्व सत्ता है. उनका नाम जब घोषित नही हुआ तो खींच लिया राज्यपाल को हाई कोर्ट मे. मुकदमा अभी भी चल रहा है.

खैर पाल साहब का काम तो बन गया. छोटी उत्तर गुजरात युनि के उपकुलपति नहीं बन पाये तो ब्याज समेत हर्जाना पा राज्य की सबसे बड़ी युनि. के उपकुलपति बन गये. वैसे तो सुना तो यह भी है कि यह पद उन्हें राज्यपाल के सामने बांह चढाने की हिम्मत का पुरूस्कार मिला है. राज्यपाल और अपने ६.५ करोड़ के मुख्यमंत्री के बीच जिस प्रकार के सम्बन्ध है उन्हे देखते हुए सब कुछ सम्भव है.

अब शायद अपने पत्रकार मित्र कुछ इस प्रकार के समाचार लिखते हुए देखे जायें. गुजरात युनि के उपकुलपति ने आंदोलनकारी छात्र नेताओं को अस्पताल भेज दिया. गुजरात युनि के उपकुलपति ने राज्यपाल के आदेशों को अदालत में चैलेंज कर दिया.

1 comment:

Asha Desai said...

VC must be a person of repute. He is to be an inspirer to teachers and students.It is unfortunate that Gujarat University has another controversial VC.

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