आजकल बैंक वालों की हड़ताल और आंदोलन के समाचार आए दिन सुर्खियों
में रहते हैं। पर यह समाचार कुछ हटकर है। आज बैंक ऑफ बड़ोदा की अहमदाबाद की आश्रम रोड़ शाखा ने एक कम्पनी से बकाया पैसा वसूलने के लिए गांधीगिरी की।
बैंक के दस कर्मचारियों की एक टुकड़ी कम्पनी की फैक्टरी पर जा
पहुंची। नारे बाजी की। टीवी चैनल वालों को भी न्योता दे डाला। अहमदाबाद से 40 किमी
दूर स्थित जलाराम राइस कम्पनी के प्रवेश द्वार पर एक बड़ा पोस्टर भी चिपका डाला।
मालिक के ऑफिस मे बैंक के ए जी एम पी ए थवानी और अन्य जा धमके
। होना क्या था ? मालिक नदारद था। फिर यह टुकड़ी जा पहुंची मालिक के नड़ियाद स्थित
बंगले पर। वहां भी शोर शराबा किया । मालिक थोड़े ही मिलना था।
पर मामला काफी बड़ी रकम का है। पूरे 71 करोड़ का। यह तो बैंक
ऑफ बड़ौदा का ही बकाया है। तीन अन्य बैंकों का भी पैसा बाकी है । कुल राशी है 300 करोड़
रु. इसमे सबसे अधिक पैसा है स्टेट बैंक ऑफ इन्डिया का-150 करोड़ रु।
लाखों रु के विज्ञापन से तो ज्यादह प्रभावशाली है थवानीजी की
यह गांधीगिरी। पूरे गांव मे तो कई दिन के लिए चर्चा का सुर्रा तो छोड़ आई उनकी यह गांधी
टोली।