इस शुक्रवार से शहर में बाल एवं युवा कलाकारों का
अनोखा शास्त्रीय कार्यक्रम शुरू हो रहा है। इस तीन दिन के कार्यक्रम में ५० कलाकार
तबला, सितार , वायोलिन , सोलो तबला और फ्यूजन संगीत के कार्यक्रम पेश करेंगें। इसकी
विशेषता यह है कि इसमे सबसे छोटे कलाकार १२ वर्ष के हैं और वे पिछले लगभग छह वर्ष से
इसका अभ्यास कर रहे हैं।
तालय संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का यह दूसरा
वर्ष है। इसकी जानकारी देते हुए संस्था के प्रणेता मुंजाल महेता ने कहा कि संस्था का
उद्देश्य उभरते युवा कलाकारों को एक मंच उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम में बारह से २८
वर्ष तक के कलाकार हैं ।
शास्त्रीय संगीत की बढ़्ती लोकप्रियता के बारे में
उन्होने कहा कि आजकल काफी युवा कलाकार आगे आ रहे हैं। मुंजाल महेता स्वयं एक प्रसिद्ध
तबला वादक हैं और पिछले लगभग २० वर्ष से अहमदाबाद में तबला वादन सिखा रहे हैं। पिछले
वर्ष इस कार्यक्रम में ६५ युवा कलाकारों ने भाग लिया था। १५०० से अधिक श्रोता आये थे।
इस वर्ष का यह कार्यक्रम तीन बड़े संगीतकारों को
समर्पित है। ये हैं उस्ताद हिदायत खान, उस्ताद रहमान खान और नन्दन महेता। यह कार्यक्रम
“समुत्कर्ष” में शाम सात बजे शुरू होगा।
तालय के ट्र्स्टी डॉ. हेमन्त भट्ट ने कहा कि तालय
कलाकारों के इस प्रश्न का जवाब है कि शास्त्रीय संगीत सीखने के बाद क्या? यह वो मंच
है जो उन्हे एक पहचान और प्रोत्साहन दिलवाने के लिए बना है।
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