tag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post6685370226242830202..comments2023-05-10T00:50:25.408-07:00Comments on zero column: अहमदाबाद के जातिवाद की हकीकतAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/07183084459399181101noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-11732464691762418602007-06-23T00:40:00.000-07:002007-06-23T00:40:00.000-07:00Bahot Achha Jawab Diya hai aapne, kal sanjeet ji m...Bahot Achha Jawab Diya hai aapne, kal sanjeet ji muje bol rahe the aur unke saath bhi yahin charcha hui ki isko jatiwad se nahin jod sakte aap. economic ke hisab se hi ghar lete hai log aur locality bhi dhyan mein toh lena hi padta hai.<BR/><BR/>Bahot Bahot Dhanyawad..Hamare vicharon ko duniya ke samne rakhane ke liye..<BR/><BR/><BR/>-Ek Indian jo ek Gujarati bhi hai aur Ahmedabadi bhi haiMaulik's Bloghttps://www.blogger.com/profile/08495385088573804622noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-22054508437563424802007-06-22T21:35:00.000-07:002007-06-22T21:35:00.000-07:00मुझे उम्मीद थी कि आप रविशजी की शंकाओं का जरूर समाध...मुझे उम्मीद थी कि आप रविशजी की शंकाओं का जरूर समाधान करेंगे. <BR/><BR/>आप ने उम्मीद पुरी की. बहुत धन्यवाद.पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-70414489238539388352007-06-22T12:14:00.000-07:002007-06-22T12:14:00.000-07:00प्रिय योगेश जीमेरा इरादा सिर्फ़ जातिवादी संकीर्णता...प्रिय योगेश जी<BR/>मेरा इरादा सिर्फ़ जातिवादी संकीर्णता पर चोट करने का है, गुजरात के मेरे अनुभव मुझे जो बताते हैं वही मैंने कहा. जातिवाद की समस्या पूरे देश में है लेकिन गुजरात में इसका रूप थोड़ा अधिक भयावह दिखता है. <BR/>समस्या को स्वीकार न करने की सबसे बड़ी समस्या ये है कि वह कभी हल नही हो सकती.<BR/>हाँ, आपने जातिवाद के कारणों पर अच्छी रोशनी डाली है.अनामदासhttps://www.blogger.com/profile/10451076231826044020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-63994076061122325262007-06-22T11:23:00.000-07:002007-06-22T11:23:00.000-07:00योगेश, रवीश के यहॉं हमने टिप्पणी की थी – सुना था ...योगेश, रवीश के यहॉं हमने टिप्पणी की थी – <BR/><BR/>सुना था पर लगा कि बढ़ा-चढ़ा कर बता रहे होंगे, कोई छुटपुट मामला होगा पर जब आप स्पेशल रिपोर्ट करके आए हैं तब तो मामला गंभीर है...<BR/><BR/>अब आप उसी तथ्य का एक भिन्न पाठ दे रहे हैं। जब कंटेंट एनालिसिस के प्रचलित तरीके से आपके वर्णन का सूक्ष्म पाठ करता हूँ तो एक तो यह पता चलता है कि आप रवीश के ‘तथ्य’ से कम असहमत हैं उसके परिमाण से आपकी अधिक असहमति है। आपके उदाहरण पेशेगत बसावट की बात करते हैं जबकि रवीश का बलाघात धर्म व जाति पर था। मैं अमदाबाद नहीं गया- कभी नहीं, इसलिए आप पत्रकारों के सच में ही से ‘सच’ पढ़ने की कोशिश कर सकता हूँ। <BR/>इतना फिर भी तय है कि यदि किसी महानगर में जाति बसावट का मुख्य आधार है तो (गांव में तो होता ही है) तो इसे स्वाभाविक कहना ठीक नहीं। क्योंकि इससे आपसी अविश्वास (व घृणा) बढ़ेगी ही और परिणाम ‘गुजरात’ भी हो सकता है। हॉंलांकि एक ‘यदि’ अभी बरकरार है।मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-56636948477035710472007-06-22T10:21:00.000-07:002007-06-22T10:21:00.000-07:00आपने अपनी बात बहुत अच्छे तरीके से रखी है। यह ज़रूर...आपने अपनी बात बहुत अच्छे तरीके से रखी है। यह ज़रूरी होता है कि निष्कर्ष निकालने से पूर्व, तथ्यों का पूरा आंकलन किया जाए।अभिनवhttps://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-2862381419460538862007-06-22T09:22:00.000-07:002007-06-22T09:22:00.000-07:00शानदार!!शुक्रिया कि इस मुद्दे पर आपने लिखा!!मुझे इ...शानदार!!<BR/>शुक्रिया कि इस मुद्दे पर आपने लिखा!!<BR/>मुझे इस मामले में अमदावादियों की ही प्रतिक्रिया जाननी थी और करीब करीब आप जैसी ही प्रतिक्रिया हमारे अमदावादी सॉफ़्टवेयर इंजीनियर मित्र ने आज ऑनलाईन चैट के दौरान दी !!<BR/>हमारे मित्र ने हमसे कुछ सवाल भी पूछे हमसे-<BR/>1---मीडिया को मोदी में हिंदुत्व ही क्यों नज़र आता है?<BR/>2--क्या गुजरात में हिंदु-मुस्लिम के अलावा मीडिया के पास और कोई मुद्दा नहीं?<BR/>3-- क्या पिछले पांच सालों के दौरान मीडिया को यह नही दिखा कि गुजरात में भ्रष्टाचार कितना घटा या बढ़ा?<BR/>उन्होनें ऐसे ही कई सवाल दागे!!<BR/>अब इनके जवाब तो मीडिया से जुड़े लोग ही बेहतर दे पाएंगे!!<BR/><BR/>आभार!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-49900544312685053302007-06-22T09:15:00.000-07:002007-06-22T09:15:00.000-07:00अपनी बात बहुत अच्छे से रखी आपने। आपसे सहमत हूँ कि ...अपनी बात बहुत अच्छे से रखी आपने। आपसे सहमत हूँ कि यदि लोग अपने आचार-व्यवहार के आधार पर इकट्ठा रहना चाहें तो इसमें क्या बुराई है।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-68783024234712700122007-06-22T09:14:00.000-07:002007-06-22T09:14:00.000-07:00लेख और लिखने का अन्दाज बहुत भाया।लेख और लिखने का अन्दाज बहुत भाया।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-57843987535273516232007-06-22T08:20:00.000-07:002007-06-22T08:20:00.000-07:00भाइ जी "जाकी रही भावना जैसी "कोई गलत नही कहा गया,इ...भाइ जी "जाकी रही भावना जैसी "कोई गलत नही कहा गया,इनको एक बार गलत राह दिखनी चाहिये बस, सही बात की तलाश इनकी मंजिल कहा है,मै इनको लमबे अरसे से देख रहा हू सच न इनको दिखता है न ये देखना चाहते है,क्भी कभी तो लगता है शायद इन्ही लोगो के लिये आख के "अंधे नाम नैन सुख"कहा गया है आप इनको लाख सम्झाये इनकी समझ मे आने वाला नही.गुजरात नाम से वैसे ही इनकी धम्नियो मे रक्त प्रवाह तेज हो जाता है,ऐसे मे सच न दिखाई देगा न सुनाईArun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-19747349321900368822007-06-22T08:05:00.000-07:002007-06-22T08:05:00.000-07:00बहुत सुंदर, यही बात मैं लोगों को बताना चाहता था कि...बहुत सुंदर, यही बात मैं लोगों को बताना चाहता था कि गुजरात की तस्वीर हमेशा वह नहीं होती जो दिखाई जा रही है। आजकल लोग बस गुजरात को गालियाँ दिए जा रहे हैं। <BR/>अहमदाबाद की यह तस्वीर पेश करने के लिए धन्यवाद।Anonymousnoreply@blogger.com