tag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post3102779119706716646..comments2023-05-10T00:50:25.408-07:00Comments on zero column: आडवाणी के रथ पर मोदीजी की विवेकानन्द यात्राAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/07183084459399181101noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7137774255269941272.post-25521835153363334302012-09-09T05:15:59.932-07:002012-09-09T05:15:59.932-07:00आप ने जो लिखा है उसमे कोई नई बात नही है. राजनीति म...आप ने जो लिखा है उसमे कोई नई बात नही है. राजनीति मे कोई किसी का दोस्त नही होता कोई किसी का दुश्मन नही होता. समय और स्थीति के अनुसार सभी कुछ बदलता रहता है. केद्र मे माया और मुलायम का खेल सभी ने देखा है.<br />हा यह भाजपा के अन्दर की बात है. आजकल जिस तरह से मोदी के पक्ष में गडकरी और अन्य नेता बदल्ते जा रहे हैं उसे देखते हुए आडवाणी का मोदी के प्रति नया प्रेम सच्चा प्रेम है यह कहा नही जा सकता है.<br />यह एक हकीकत है कि १९९२ से आडवाणी बार बार रथ लेकर यात्रा पर निकलते है, पर आज भी वो उनकी हाथ मलने वाली तस्वीर वाली हालत मे ही हैं. अब ऐसा भी हो सकता है कि आडवाणी ने मोदी के दिल्ली सपने को अधूरा रखने के विचार से रथ दिया हो, या मोदी ने उसकी चेलेंजिंग नेचर को साबित करने के लिये आडवानी के रथ पर यात्रा निकालने का सोचा हो.<br />राजनीति है इसमे सब कुछ हो सकता है.अखिलेश पाण्डेयnoreply@blogger.com